Be An Effective Teacher, Be Great Creator
आदर्श शिक्षक नये समाज की नींव रखने वाला जनक व परंपराओं को निभाने वाला महान इंसान होता है।
यदि एक शिक्षक अपनी काबिलियत के हिसाब से समाज में बदलाव नहीं ला सक रहा है । तब उसका मतलब है कि वह एक आदर्श शिक्षक नहीं हैं।
आदर्श शिक्षक बनने के लिये एक शिक्षक को हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिये।
प्रत्येक विद्यार्थी इतना क्षमतावान न हो सके, यदि एक आदर्श शिक्षक खुद को विद्यार्थी के साथ इस तरह का रिस्ता कायम न कर सके।
एक अच्छा शिक्षक एक विद्यार्थी का सबसे अच्छा दोस्त, सबसे अच्छा सलाहकार, पिता तुल्य और सबसे अच्छा आदर्श होता है।
क्षात्र को अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में जब तक वह अध्ययनरत रहता है अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
इन मुश्किलों को आसानी में आसान तरीके से परिवर्तित कर देना वाला शिक्षक ही उस छात्र या छात्रा के लिये आदर्श समझा जाता है।
ज्यादातर छात्र स्कूल या कॉलेज में उसी शिक्षक को अपना आदर्श मानते या समझते हैं जिसके अंदर नीचे दी जा रही है आदतों का भण्डार होता है।
एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए एक शिक्षक में निम्न गुणों का होना अत्यावष्यक है, जो निम्नानुसार है-
1 आदर्श शिक्षक का व्यक्त्वि –
पर्सनॉलिटी ग्रूमिंग या व्यक्त्वि का निखार होना शिक्षक के लिए हमेशा आवश्यक है ।
‘‘फर्स्ट इम्प्रेशन इज दि लास्ट इम्प्रेशन ‘‘ वाली कहावत यहाँ यथार्थ सत्य साबित होते हुये प्रतीत होती है।
शिक्षक के क्लास में प्रविष्ट हाते ही छात्रों को जो चीज सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह है शिक्षक का पहनावा।
ज्यादातार स्पेशल दिखने के लिए शिक्षकों को फॉर्मल ड्रेस या ऑक्सफॉर्ड ड्रेसिंग सेंस ही यूज करना चाहिए।
पैरों में जूते व कमर की बेल्ट तक ऑसफॉर्ड ही होने चाहिये।
याद रखिये कि आपकी शर्ट का हिस्सा हमेशा पेंट में टक-इन होना चाहिए।
चेहरा हमेशा खिलता हुआ होना चाहिए।
कुछ शिक्षक थके-हारे और बोरियत सा चेहरा लेकर अक्सर क्लास में प्रवेश करते हैं जिसकी वजह से वे हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रादुर्भाव करते है और वे छात्रों के आदर्श नहीं हो पाते हैं ।
इसलिए आदर्श शिक्षकों के व्यक्त्वि का पहला गुण है- पर्सनालिटि डबल्पमेंट।
2 छात्रों के साथ बात करने का लहजा –
कुछ शिक्षक बल्कि ज्यादातर शिक्षक अक्सर अपने चहेरे पर क्रोध या चेहरे को भावना – शून्य रखते है।
जिसके कारण छात्र कभी भी अपने आपको शिक्षक के साथ सहज नहीं बना पाते हैं।
उनके मन में अंकित कई महत्वपूर्ण प्रश्न बाहर नहीं आ पाते हैं। और परिणाम अंततः यही निकलता है कि छात्र उस शिक्षक के विषय को गहराई से लेना भी तनावग्रस्त समझते हैं।
इसलिए अपने छात्रों से बात करते समय या जब भी शिक्षक क्लास के अंदर आये चेहरे पर हमेशा खिलती हुयी- मनमोहक मुस्कान होनी चाहिए जिसका छात्रों पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़े।
3 छात्रों को कभी भी अपमानित नहीं करना चाहिए-
यदि आप एक आदर्श शिक्षक है या आप चाहते हैं कि आपके छात्र आपको अपना आदर्श मानें या समझें, तो हमेशा एक बात याद रखनी चाहिए कि हमें उन्हें कभी भी अपमानित महसूस नहीं करानी चाहिए।
छात्रों के बीच एक छात्र को अपमानित करने से अक्सर वह शिक्षक उस छात्र के ह्रदय में अपने लिए नफरत समेंटता है जिसके परिणामस्वरूप, वह शिक्षक उस विद्यार्थी का मनोबल-हरण करता है।
वह छात्र खुद को निर्बल समझता चला जाता है और अपने ह्रदय में हमेशा वह उस शिक्षक से नफरत करता है ।
वह छात्र अक्सर उस विषय से भी नफरत करने लगता है जिसे वह शिक्षक पढ़ाता है ।
साथ ही, वह छात्र खुद को हीन समझ कर मस्तिष्क से कमजोर होता चला जाता है।
शिक्षक का यह गुण कोई गुण नहीं अपितु यह उसकी बुराई है।
4 आदर्श शिक्षक को हमेशा अपने छात्रों को प्रेरित करते रहना चाहिए-
कई बार होता है कि छात्र अपना कार्य समय पर पूरा कर सकने में असमर्थ होते हैं और शिक्षक द्वारा उन्हें कक्षा में अपमानित महसूस कराया जाता है।
जिसकी बजह से छात्र खुद के अंदर नकारात्मकता को महसूस करता है।
वजाह इसके , शिक्षक को अक्सर ही ” यू कैन डू इट “ , “ ट्राई इट “ , “ आप इसे कर सकते हो “, “ एक बार कोशिश करे “ जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए ।
इससे छात्र के अंदर कभी भी नकारात्मक सोच नहीं उभरती है बल्कि वह खुद उस छात्र के लिए इज्जत पाता है और उसी शिक्षक को अपना आदर्श समझने लगता है।
5 आदर्श शिक्षक एक सच्चा दोस्त भी होता है-
एक आदर्श शिक्षक हमेशा अपने छात्रों का सच्चा दोस्त भी होता है।
आदर्श शिक्षकों के गुणों में यह बात अक्सर सम्मिलित की जानी चाहिए।
शिक्षक कोई डरावना पशु या कहानियों का भयावह दैत्य नहीं होता है।
वह हमेशा अपने छात्रों के प्रति सच्चा और समझदार होता है।
वह हमेशा अपने छात्रों के प्रति सच्चा और समझदार होता है।
शिक्षक को ऐसा होना चाहिए कि छात्र हमेशा उससे अपनी समस्याओं व अपनी दिली बातें शेयर करने में न झिझकें और शिक्षक को भी हमेशा अपने छात्रों की मद्द करते रहना चाहिए।
6 हॉमवर्क देते समय बरती गयीं सावधानियाँ –
अपने छात्रों को वही और उतना ही हॉमवर्क देना चाहिए जितना कि वो उसे घर से याद करके ला सकें।
अक्सर, अनेक टीचर्स अपने छात्रों को अधिक और ज्यादा से ज्यादा हॉमवर्क दे देते हैं, फलतः विद्यार्थी उसे समय पर पूरा कर सकने में असमर्थ होते हैं और खुद को तनावग्रस्त महसूस करते हैं।
इसका आसान उपाय है प्रत्येक छात्र को उसकी क्षमता के आंकलन के हिसाब से ही हॉमवर्क कम्प्लीट करने को कहना चाहिए।
7 आदर्श शिक्षक समय के पाबंद होते हैं –
सारे गुणों में जो बात सर्बाधिक मायने रखती है, वह है – समय की पाबंदी ।
एक शिक्षक को अपनी क्लास में कभी भी देर से नहीं आना चाहिए।
इससे शिक्षक कभी भी छात्रों का आदर्श नहीं बन सकता ।
इन बातों का अनुसरण कर कोई कोई भी शिक्षक एक आदर्श शिक्षक बन सकता है।
शिक्षक को हमेशा इन बातों का ख्याल चाहिए व उसके छात्रों को हर जरूरत से भी अनजान नहीं होना चाहिए।
Thank You.
राजेन्द्रा चौधरी RAJENDRA B. CHOUDHARY
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